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Wednesday, August 08, 2007

खार




ज़रूर उसमें कोई तो बात होगी


जो वो मुझसे मोहब्बत करता है


वरना जहान में, कहाँ अब तलक कोई


खार को सीने से लगाकर रखता है...
**********अनुपमा चौहान*********

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18 कविताप्रेमियों का कहना है :

अभिषेक सागर का कहना है कि -

अनुपमा जी
अच्छी रचना है। बूंद में समंदर।

-रचना सागर

Mohinder56 का कहना है कि -

सुन्दर

कुछ शूल फ़ूलों से प्यारे होते है

ऐ परिन्दो शुक्र अता करो मौसमे-खिंजा का तुम
आशयां के लिये तिनके कहां से आते भरी बहार में

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

खार न होते तो क्या गुलाब गुलाब होता?

बात तो ख़ार में है
वरना तोड ही देता कोई नटखट
खा ही जाती बकरी कोई

ख़ार में धार है
इसलिये तो गुल को उससे प्यार है...:)

*** राजीव रंजन प्रसाद

Gaurav Shukla का कहना है कि -

अनुपमा जी,

यह चार पंक्तियाँ अपने आप में अनुपम हैं|
सशक्त भाव हैं सुन्दर

इसे और बढाइये, आपकी क्षमता से परिचित हूँ मैं :-)

सस्नेह
गौरव शुक्ल

गौरव सोलंकी का कहना है कि -

सही कहा है।
वाकई बूँद में समन्दर।

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

इस शे'र या क्षणिका के लिए आपने जो चित्र चुना है, क्या उपयुक्त है?

दूसरी बात यह सुंदर तो बहुत है लेकिन शे'र भी हो तो एक साथ ३-४ हों तो भूख मिटती हैं। यह तो वैसे हो गया कि एफ़-एम वाले १ शे'र सुनाकर १०-१५ मिनट का विज्ञापन दे देते हैं।

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत ख़ूब अनुपमा ज़ी ....



गुल है कोई सुंदर तो आँखो में चमकता है
दिल के आईने में बस एक अक़्स ही ठहराता है
जानता है वो भी की खुदा बसता है प्यार में
हर पल उसकी निगाहों में प्यार छलकता है!!


दो बार पोस्ट हो गया ग़लती से :)

Pramendra Pratap Singh का कहना है कि -

चंद पक्तियों में सब कुछ है।

शोभा का कहना है कि -

अनुपमा जी
अच्छी क्षणिका लिखी आपने । बात उसमें नहीं आपमें रही होगी ।
रसभरी अभिव्यक्ति के लिए बधाई ।

Alok Shankar का कहना है कि -

yah kshanika hai ya sher ya kavita ye to main nahi kah sakta par isme jo bhav smahit hia vah bahut shreshth hai

SahityaShilpi का कहना है कि -

अनुपमा जी!
बात मोहब्बत करने वाले के अलावा उसमें भी होती है जिससे मोहब्बत की जाये. यह शेर, क्षणिका या जो भी है; सुंदर है मगर अधूरा सा. इसे पूरा तो कीजिये.

RAVI KANT का कहना है कि -

अनुपमा जी,
सुन्दर भाव हैं लेकिन मोहब्बत क्या किसी बात की मोहताज है?कारण खोजने से बेहतर है कि मोहब्बत
को जीया जाए।

Admin का कहना है कि -

रचना पढ कर सीधे दिल पे चॊट लगी।

Anonymous का कहना है कि -

नाविक के तीरों के समान ही असाधारण प्रभाव छोड़ने वाले शब्द है आपके............एक ही शेर मे सबों को लुड्का दिया........
इतने सारे कॉमेंट्स मिले है वो भी सब अच्छे ही तो यह तयशुदा है की आपने बहुत ही बेहतरीन काम किया है ...................
मेरे कहने के लिए कुछ रह ही नही जाता
मुबारका

Dr. Seema Kumar का कहना है कि -

बहुत खूब !

शैलेश जी, कविता / शेर में संख्या, लंबाई या गिनती से ज्यादा मैं समझती हूँ इस बात का महत्व ज्यादा होना चाहिए कि वह दो पल के लिए ही सही, पाठक को कैसे बाँधे रखता है । अगर एक की जगह दस लिखी जाए तो कई बार उस एक का भाव गुम भी हो जाता है ।

- सीमा

विश्व दीपक का कहना है कि -

चंद पंक्तियों में हीं हिलाकर रख दिया आपने। देर आयद दुरूस्त आयद।
अतिसुंदर । बधाई स्वीकारें।

गीता पंडित का कहना है कि -

अनुपमा जी


अतिसुंदर .......

बधाई ......

Anonymous का कहना है कि -

राजीव रं. प्र. का कमैन्ट पढ़ने में बहुत मज़ा आया :)

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