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Wednesday, October 10, 2007

और नहीं अब बोलूँगा


और नहीं अब बोलोगे
बस बोले
कलम तुम्हारी
यह रूचिकर है प्यारी

भूल गये
था वचन तुम्हारा
होठ बन्द करने का
हर पीड़ा को
तीक्ष्ण शूल को
सहज सहन करने का
माँ से माँगी थी
उर ज्वाला
हुत करने निज जीवन
मोह व्याधि से
रस अगाध से
शोषित कर सब तन मन
क्या पायेगा नूतन?
बस अभिनव से दूर
जला निज जीवन
स्वत्व यज्ञ कर
स्वत्व होम कर
जीवन समिधा न्यारी
बस बोले कलम हमारी
और नहीं अब बोलूँगा मैं
बस बोले कलम हमारी..
(जन्म दिवस पर हिंद युग्म परिवार एवं
आप सब मित्रों की शुभकामनायें तथा बधाई
संदेश का प्रस्तुतीकरण हृदय को अभिभूत करता है
हिन्द-युग्म के पटल पर मेरी इस रचना की
प्रस्तुती आप सबके प्रति मेरा आदर .....)



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10 कविताप्रेमियों का कहना है :

Admin का कहना है कि -
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Admin का कहना है कि -

सर्वप्रथम आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई। रही बात कविता की तो उसमें तो आपका कोई सानी हीं नहीं है।

anuradha srivastav का कहना है कि -

जन्मदिवस पर शुभकामनायें। आपकी लेखनी सदा प्रभावित करती है।

रंजू भाटिया का कहना है कि -

जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई फ़िर से और कविता बहुत बहुत सुंदर लगी :)

शोभा का कहना है कि -

श्रीकान्त जी
आप जब नहीं बोलते तब भी बहुत बोल जाते हैं । बताइए किस बात पर विश्वास करें ? वैसे एक कवि को कुछ बोलने की आवश्यकता भी नहीं है । आपकी लेखनी बहुत बोलती है । एक सशक्त रचना के लिए बधाई ।

शिवानी का कहना है कि -

श्रीकांत जी ,आपमें तो लिखने की अपार क्षमतायें हैं !यकीनन एक उच्च कोटी का प्रयास है ! सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई .....!

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

श्रीकांत जी,

आपको जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

बस अभिनव से दूर
जला निज जीवन
स्वत्व यज्ञ कर
स्वत्व होम कर
जीवन समिधा न्यारी
बस बोले कलम हमारी
और नहीं अब बोलूँगा मैं
बस बोले कलम हमारी..

और नये उर्जा से भर आपकी कलम अनवरत चलती रहे इस अपेक्षा के साथ।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Sajeev का कहना है कि -

आप भी बोलियेगा, आपकी कलम तो बोलेगी ही, रस घोलेगी ही

गीता पंडित का कहना है कि -

श्रीकान्त जी,


जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।

बस अभिनव से दूर
जला निज जीवन
स्वत्व यज्ञ कर
स्वत्व होम कर
जीवन समिधा न्यारी
बस बोले कलम हमारी
और नहीं अब बोलूँगा मैं
बस बोले कलम हमारी..


जी.......
आपकी लेखनी बहुत बोलती है

बधाई।

विकास मलिक का कहना है कि -

सबसे पहले जन्मदिवस की लख-लख बधाईयां
कविता तो आपकी मन के तार छेङ जाती है
बहुत प्यारी कविता है

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