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Saturday, March 29, 2008

भारत महान है !


भारत महान है !
हम हंसते हैं पश्चिम पर
सीता और सावित्री पर नाज़ है हमें
हमारी हीरोइन को कोई विदेशी चूमे
तो हल्ला मचाते हैं !
यह हमारा अधिकार है
कि छोटी बच्चियों से दुष्कृत्य करके
मारकर खा जाएँ,
हड्डियाँ फेंक दें गंदे नाले में!
हम मानते हैं
औरत तो त्याग की मूर्ती होती है
भारत महान है!

मित्तल ने आर्सेलर खरीदी
गर्व से सर ऊँचा हो गया!
अब नही दीखते हमें
घुटनो के बल बैठे,
प्याज-रोटी खाते मजबूर लोग!
आत्म निर्भर हो गये हैं हम..
रिज़र्व बैंक के भरोसे नही हैं अब
खुद ही छापते हैं नोट और स्टांप पेपर!
किडनी माफिया प्रतीक है
मज़बूत जीवनी शक्ति का
वो बताता है दुनिया को
गोरों की तारह नाज़ुक नहीं हम!
आसानी से जी सकते हैं
एक किडनी के साथ भी |
भारत महान है !

अनेकता में एकता शान है हमारी
बिहारियों का किस्सा
और बात है!
वोटों का दूध पीने आई थी
पर गिर गया तपेला
राज ठाकरे नाम की बिल्ली,
घुस आई है घर में !
बर्तन किस घर में नही खनकते भाई?
शहीदों के ताबूत खाकर भी
नहीं डकारते |
हाजमा अच्छा है !
किसी नवजात को गटर में फेंकते हैं
और करोड़ों चैरिटी में भी देते हैं हम !
मारकाट मचाते हैं, दंगा करवाते हैं!
फिर मुन्ना भाई को देखकर
ताली भी बजाते हैं |
गाँधी जागीर है हमारी..
उसके सिद्धांतों पर विश्वास है हमें
भारत महान है !

ये भारत है
एडल्ट फिल्मों का देश!
सानिया का स्कर्ट तकलीफ़ देता है,
उघड़ी टांगे ख़टकती हैं हमें
फ़तवे ज़ारी कर दिए जाते हैं!
धर्म का मामला है..नो कमेंट्स !
गाय के चमड़े के सबसे बड़े निर्यातक हम
कहते है - "गाय हमारी माता है"
रसोई की पहली रोटी खिलाते हैं
फिर काटकर खा जाते हैं उसे !
दंगे करवाओ,वोट पाओ,
गोशाला का चंदा खाओ..
मल्टीपरपज़ है गाय
तभी तो हमारी माता है !
हम मानते हैं..
कृष्ण-कन्हैया प्रेम के पुजारी हैं
पर संत वेलेंटाइन
उन पर थोड़े से भारी हैं !
अच्छी बातें आत्मसात करना
संस्कृति है हमारी !

सुनहरे अतीत का गौरव
गाते नहीं थकते
सोने की चिड़िया थे कभी !
जानते हैं हम..
मरा हाथी भी कम कीमती नहीं होता !
इसीलिए तो..
भारत महान है !

सिद्ध करना है हमें
पश्चिम से अच्छे हैं हम
देखिए ...
अमेरिका से सस्ता है यहाँ
मैकडोनाल्ड्स !
ये अकाट्य तर्क है
जो सिद्ध करता है..
भारत सचमुच महान है !

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16 कविताप्रेमियों का कहना है :

vivek "Ulloo"Pandey का कहना है कि -

vipul ji
कितना शार्थक व्यंग्य किया है अपने जो आज के भारत की स्थिति को प्रदर्शित करता है

गौरव सोलंकी का कहना है कि -

अपनी बात को कहती हुई सम्पूर्ण कविता। कवि ने जो कहना चाहा है, वह सार्थक भी है और उसे अच्छी तरह कहने में वह सफल भी रहा है।
इसी तरह लिखते रहो।

Harihar का कहना है कि -

अब नही दीखते हमें
घुटनो के बल बैठे,
प्याज-रोटी खाते मजबूर लोग!
आत्म निर्भर हो गये हैं हम..
रिज़र्व बैंक के भरोसे नही हैं अब
खुद ही छापते हैं नोट और स्टांप पेपर!
किडनी माफिया प्रतीक है
मज़बूत जीवनी शक्ति का
वो बताता है दुनिया को
गोरों की तारह नाज़ुक नहीं हम!

वाह विपुल जी बहुत करारा व्यंग्य है

शोभा का कहना है कि -

विपुल जी
मज़ा आगया कविता पढ़कर. सच मुच हम ऐसे ही महँ हैं-
सिद्ध करना है हमें
पश्चिम से अच्छे हैं हम
देखिए ...
अमेरिका से सस्ता है यहाँ
मैकडोनाल्ड्स !
ये अकाट्य तर्क है
जो सिद्ध करता है..
भारत सचमुच महान है !
एक ओजस्वी रचना के लिए बधाई

रंजू भाटिया का कहना है कि -

व्यंग अच्छा किया है आपने विपुल जी ..अच्छी लगी आपकी रचना !!

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

विपुल,

व्यंग्य तुम्हारी लेखनी में निखर कर आया है। स-तर्क किया गया हर कटाक्ष कविता को बेहद उँचाई प्रदान कर रहा है।

जन्म दिवस की बधाई।

*** राजीव रंजन प्रसाद

anju का कहना है कि -

भारत महान है पर शायद हम लोग भूलते जा रहे हैं
विपुल जी आपकी कविता बिल्कुल सटीक है और वर्तमान स्थिति को आपने बहुत अच्छे ढंग से दर्शाया है
हर शब्द ,हर बात मुझे पसंद आई . बहुत अच्छी रचना के लिए बधाई और जन्मदिन की ढेरों बधाई
शुभकामनाएं सहित

विश्व दीपक का कहना है कि -

विपुल ,
तुम रंग में वापस आ गए हो और इस बात की मुझे बेहद खुशी है। ऎसे हीं लिखते रहो और कवि-धर्म का पालन करते रहो।

-विश्व दीपक ’तन्हा’

Sajeev का कहना है कि -

कविता में बहुत कुछ समेटने की कोशिश हुई है, कहीं कहीं कुछ भटकाव है, पर फ़िर भी भाव बहुत सशक्त हैं....हर बार की तरह

Anonymous का कहना है कि -

बहुत ही अच्छी लगी रचना बधाई

राज भाटिय़ा का कहना है कि -

कविता नही,आप ने मेरे महान देश को ओर उस के वासियो को हक्कीत बतला दी, हम कितने पानी मे हे,बहुत बहुत धन्यवाद * जिने नाज हे हिन्द पर वो कहा हे...

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

विपुल जी,
रचना बहुत अच्छी है व करारा व्यंग्य है। सब कुछ लिख दिया है आपने।

Alpana Verma का कहना है कि -

विपुल ,आप की कविता में अच्छा कटाक्ष किया गया है.
व्यंग्य को सलीके से प्रस्तुत करना भी कलाकारी है.
कविता अच्छी लगी.

Anonymous का कहना है कि -

बहुत ही करारा व्यंग्य किया है आपने विपुल जी , पर पड़ने के बाद भी "मेरा भारत महान" , क्योंकि भारत सिर्फ़ कुछ भ्रष्ट लोगों से नहीं बना हुआ है , उसमें आप जैसे सुधि लोग भी रहते हैं जो वास्तव में भारत को विश्व की ऊँचाइयों पर देखना चाहते हैं , तभी तो ऐसा व्यंग्य कर पाते हैं .कविता बहुत अच्छी लगी और सार्थक भी , बधाई स्वीकार करें
पूजा अनिल

Unknown का कहना है कि -

काफी आछी रचना विपुल जी
पद कर मज़ा आ गया
बहुत ही करारे व्यंग सचमुच

abhi का कहना है कि -

vipul,
shandar likha hai bhartiya sanskriti pe kutharaghat kiya hai tumne jo vartman mein dushit hoti ja rahi hai.aadhunik bharat ka yatharth chitran hai,kavita padhne ke bad laga yeh tumhari shreshtha rachnao mein se ek hai.isi tarah vyangatmak likho to maza aye.

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