फटाफट (25 नई पोस्ट):

Saturday, September 06, 2008

मुझे अपना विश्वास तो दो……





मुझे राष्ट्र निर्माता कहने वालों

मुझे राष्ट्र निर्माण का अधिकार तो दो

देश को अच्छी पौध दे दूँगा ….

मुझे अपना विश्वास तो दो


मैं एक कुम्हार बनकर

तुम्हें आकार दूँगा

सुन्दर संस्कार और

सुन्दर विचार दूँगा

अन्तर हाथ सहारा दिया है

बाहर की चोट का

अधिकार तो दो


मैं राष्ट्र की बगिया का माली हूँ

मिट्टी से फूल खिलाता हूँ

संस्कारों की खाद, ग्यान का उजाला

और प्रेम का जल प्रदान करता हूँ

पौधों की काट-छाँट मत देखो

श्रद्धा,भक्ति और प्यार तो दो..


मैं लगन और निष्ठा से

कर्तव्यों का निर्वाह करूँगा

पितृस्नेह और ममता की छाया में

शंकर और शिवा का आकार गढूँगा

परम हंस अगर चाहो

नरेन्द्र सा गुरू-प्यार तो दो।


मैं राष्ट्र-निर्माता हूँ

फिर से चन्द्र गुप्त बना दूँगा

राजनीति के दल-दल में

फिर से कमल खिला दूँगा

मुझे आक्षेपों में मत घेरो

सृजन का अधिकार तो दो

मुझे अपना विश्वास तो दो…..


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

9 कविताप्रेमियों का कहना है :

श्रीकांत पाराशर का कहना है कि -

Mujhe apna vishwas to do. Sobhaji yah rachna kaafi achhi ban padi hai. bahut achhe bhav aur utna hi achha sabd sanyojan.

संगीता पुरी का कहना है कि -

बहुत ही अच्छी रचना।

जितेन्द़ भगत का कहना है कि -

बहुत सुंदर वि‍चार।

मुझे आक्षेपों में मत घेरो

सृजन का अधिकार तो दो

मुझे अपना विश्वास तो दो…..


शुक्रि‍या।

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

वाह !
एक बेजोड़ रचना है |
यहाँ पर " नरेन्द्र " से आपका मतलब क्या स्वामी विवेकानंद से है ?
समय मिले तो बताना |

रचना के लिए बधाई |

-- अवनीश

Anonymous का कहना है कि -

मैं राष्ट्र की बगिया का माली हूँ

मिट्टी से फूल खिलाता हूँ

संस्कारों की खाद, ग्यान का उजाला

और प्रेम का जल प्रदान करता हूँ

पौधों की काट-छाँट मत देखो

श्रद्धा,भक्ति और प्यार तो दो..


सुंदर रचना

वीनस केसरी

Smart Indian का कहना है कि -

मैं राष्ट्र-निर्माता हूँ
फिर से चन्द्र गुप्त बना दूँगा
राजनीति के दल-दल में
फिर से कमल खिला दूँगा
मुझे आक्षेपों में मत घेरो
सृजन का अधिकार तो दो
मुझे अपना विश्वास तो दो...


बहुत सुंदर रचना, मन प्रसन्न हुआ!
बधाई!

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma का कहना है कि -

अच्छा लिखा है. राष्ट्र निर्माण का पूर्ण अधिकार मिलेगा तब ही कोई सार्थक परिणाम सामने आएगा. पर आज तो लोगों को जितना अधिकार मिला रहता है लोग उसका भी सही ढंग से उपयोग न करके अधिकार का दुरूपयोग करते हैं और आम जनता के अधिकार का हनन करते हैं.

Rajesh का कहना है कि -

मैं राष्ट्र की बगिया का माली हूँ
मिट्टी से फूल खिलाता हूँ
संस्कारों की खाद, ग्यान का उजाला
और प्रेम का जल प्रदान करता हूँ
Shobhaji, In fact teachers rashtriya bagiyan ke mali hi hote hai, aur unhi ke haathon naye taro taja, susanskrit phoolon ka nirmal hota hai. Aap ne jo taiyariyan batayi hai students ko bana ne ki, kash har ek sikshak aur aur ek vidyarthi yah soch ko apna le. Is sansaar ka pura picture hi badal jayega. Ishwar kare yah din jaldi hi aaye aur aapki mano kamna poorna ho!

Unknown का कहना है कि -

ugg boots
san diego chargers jerseys
saics running shoes
michael kors uk
michael kors handbags
nhl jerseys
nike air huarache
cheap oakley sunglasses
oakley sunglasses
coach outlet online
20170429alice0589

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)