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Wednesday, September 24, 2008

एटम और भगवान


कण कण में बसता भगवान
जन जन में रहता भगवान,
माया तेरी बड़ी निराली
एटम में दिखता भगवान ।

इलेक्ट्रान है छोटा कितना
सुई नोक का खरब है जितना,
एटम में जब छलांग लगाए
ऊर्जा का इक अंश निकलता ।

स्फुरण, प्रस्फुरण यह दिखाते
स्पेक्ट्रम से पहचान बताते,
नगण्य कहो तुम इनको कितना
अनेक प्रभाव यह दिखलाते ।

एटम खुद है छोटा इतना
नाभिक का तो फिर क्या कहना,
लेकिन इसे विखंडित करके
मिलती ऊर्जा चाहो जितना ।

विकिरण के स्वरूप तो देखो
एल्फा, बीटा, गामा, परखो,
यह भी ऊर्जा अपनी रखते
खूब संबाल कर इनको रखो ।

कवि कुलवंत सिंह

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17 कविताप्रेमियों का कहना है :

Harihar का कहना है कि -

कविता और विज्ञान का अच्छा संगम

गौरव सोलंकी का कहना है कि -

?!

Anonymous का कहना है कि -

बल उद्यान पर पोस्ट होनी चाहिए थी ano

Unknown का कहना है कि -

कविता विज्ञान के हिसाब से तो ठीक है पर एक सवाल है
माना कि एटम कण कण मे है और भगवान भी पर दोनो की तुलना कैसे नही हो सकती?

मेरे हिसाब से anonymous जी ठीक कह रहे है ये कविता बाल उद्यान के लिए ज्यादा उपयोगी है

Unknown का कहना है कि -

सुमित भारद्वाज

Unknown का कहना है कि -

कविता विज्ञान के हिसाब से तो ठीक है पर एक सवाल है
माना कि एटम कण कण मे है और भगवान भी पर दोनो की तुलना कैसे हो सकती?

मेरे हिसाब से anonymous जी ठीक कह रहे है ये कविता बाल उद्यान के लिए ज्यादा उपयोगी


सुमित भारद्वाज

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

यह कविता बाल-उद्यान के लिए अधिक उपयुक्त थी।

Anonymous का कहना है कि -

विज्ञान की भूली बातें याद आ गई
सादर
रचना

Anonymous का कहना है कि -

shayad,baki sabhi log thik kah rahe hain.
ALOK SINGH "SAHIL"

दीपाली का कहना है कि -

मुझे कविता कुछ कम पसंद आई.
थोडी रुखी-रुखी लगी
छमा चाहती हु.

Kavi Kulwant का कहना है कि -

Is kavita ko padh kar mujhe Shri maan Brijesh Pathak Maun ji(the then famous personality for art, paining, sculptors, poetry etc) ka phone aaya aur ek ghante tak baat karte rahe...

Kavi Kulwant का कहना है कि -

Is kavita par Doordarshi Shri Nand Kishor Nautiyaal ji, President, Maharashtra Hindi Sahitya Akademy ne apni baat me (chirantan) me vishesh roop se tippani ki hai.

Kavi Kulwant का कहना है कि -

Hum sabhi bate karte hain Bhagwaan ki.... Lekin usko feel karne ka waqt zindagi me kabhi kabhi hi aa pata hai aur woh bhi kuch logo ki zindagi me hi.....

Kavi Kulwant का कहना है कि -

Dipali Ji,
Aap ki balaag tippani mujhe adhik khushi deti hai.. kshama shabd ka prayog kar mujhe chota mat banaiye..

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

कुलवंत जी,
आपने कहा बिल्कुल ठीक है, परन्तु इसी भाव को किसी और तरीके से कहा जाता तो शायद इसे "बाल०उद्यान" योग्य नहीं कहा जाता।

धन्यवाद

गौरव सोलंकी का कहना है कि -

कुलवंत जी, फ़ोन चाहे किसी का भी आया हो, यह बालकविता ही है और मुझे तो बचपन में भी ऐसी कविताएँ नहीं भाती थी।
आप अनुभवी हैं। बेहतर समझ सकते हैं।

Unknown का कहना है कि -

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