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Monday, September 15, 2008

वो क्यों फोड़ते हैं बम? मुनिया नहीं जानती


एक छोटी बच्ची ने पूछा
अपनी माँ से
ये आतंकवाद क्या है?
वो क्यों फोड़ते हैं बम?
क्यों मारते हैं?
मेरी सहेली और उसके पापा को
उस बेटी को समझा न सकी -
उसकी माँ कुछ भी
क्योंकि उस बालमन की दुनिया में
नहीं है नफरत, ईर्ष्या और द्वेष कोई
और न ही है कोई शब्द
उसके शब्दकोष में
आतंकवाद जैसा कोई ..............................................

--नीलम मिश्रा

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10 कविताप्रेमियों का कहना है :

दीपाली का कहना है कि -

बहुत अच्छी कविता

Smart Indian का कहना है कि -

इतने कम शब्दों में इतनी बड़ी बात! बहुत खूब!

फ़िरदौस ख़ान का कहना है कि -

बहुत अच्छी कविता है...

विश्व दीपक का कहना है कि -

काश कोई इस प्रश्न का उत्तर जाना पाता।
काश!

Unknown का कहना है कि -

बहुत ही मुशकिल होता है ऐसे प्रश्नो का उत्तर देना........
अच्छी कविता है

सुमित भारद्वाज

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

छोटी मगर असरदार कविता। इसी तरह लिखती रहें।

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

इस प्रश्न का उत्तर न माँ समझा पायेगी न ही बच्चे समझ पायेंगे।
बहुत अच्छी कविता..

Anonymous का कहना है कि -

सुंदर अभिव्यक्ति पर साधुवाद -श्यामसखा `श्याम'

Anonymous का कहना है कि -

बहुत अच्छे भाव
सादर
रचना

KK Mishra of Manhan का कहना है कि -

नीलम जी आप की कविता उम्दा है और यह जानकर और खुसी हुई की आप लखीमपुर से है बधाई हो!!

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