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Saturday, December 01, 2007

यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता में भाग लें


हिन्द-युग्म ने यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता का आयोजन जनवरी २००७ से आरम्भ किया था, इस हिसाब से इसका एक वर्ष पूरा हो रहा है।

इसको शुरू करते वक़्त हमारे पास जितना उत्साह था, उससे कम से कम १२ गुने उत्साह से हम दिसम्बर माह की यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन की उद्‌घोषणा कर रहे हैं।

हमें इस बात की खुशी है कि अधिकतर प्रतियोगियों ने प्रतियोगिता के परिणामों को सकारात्मक ही लिया है। और शायद सफलता की यही कुंजी भी है।

जो वरिष्ठ हैं और प्रतियोगिता जैसी चीजों से परे हैं, उनसे भी अनुरोध है कि कम से कम यूनिपाठक की दौड़ में ज़रूर कूदें और नव अंकुरों को अपने अमूल्य सुझावों द्वारा प्रोत्साहन करें।

नये पाठकों को बता दें कि 'हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' का आयोजन प्रत्येक माह होता है। कविता प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कवियों को अपनी मौलिक तथा अप्रकाशित रचनाएँ महीने की १५ वीं तारीख तक भेजनी होती है, तथा पाठकों को पहले दिन से महीने के आखिरी दिन तक यहाँ प्रकाशित सभी प्रविष्टियों पर टिप्पणियाँ करनी होती है।

यूनिकवि बनने के लिए-

१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ दिसम्बर २००७ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।

(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)

२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।

३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सीखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।

४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।

यूनिपाठक बनने के लिए

चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।

१) १ दिसम्बर २००७ से ३१ दिसम्बर २००७ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करे।

२) टिप्पणियों से पठनियता परिलक्षित हो।

३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।

४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।

कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-

१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।

२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।

३) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चोथे स्थान के पाठकों को कवि कुलवंत सिंह की ओर से उनकी काव्य-पुस्तक 'निकुंज' की स्वहस्ताक्षरित प्रति।

४) टॉप १० कवियों को तथा शीर्ष दो पाठकों को युवा कवि ऋषिकेश खोडके 'रुह' की काव्य-पुस्तक 'शब्द-यज्ञ' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।

५) यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)

६) इस बार भी हमारी कोशिश रहेगी कि हम दिसम्बर माह की प्रतियोगिता से चुनी गईं टॉप १० कविताओं में से प्रत्यके पर पेंटिंग प्रकाशित करें। तो बस कला को कला से जोड़ने के लिए तैयार हो जाइए।

प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।

प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।

आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

3 कविताप्रेमियों का कहना है :

Vivek Ranjan Shrivastava का कहना है कि -

आपके सारस्वत प्रयासों को मेरे प्रणाम

इस हिन्दी यज्ञ में हम भी अपनी सहभागिता देना चाहेंगे.यदि आपकी सहमति हो तो, आपके द्वारा चयनित यूनीपाठकों को प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव "विदग्ध" स्व हस्ताक्षरित उनकी पुरस्कृत कृति "वतन को नमन " सप्रेम भेंट कर सकेंगे.
"जय हिन्दी जय नागरी"

विवेक रंजन श्रीवास्तव

नियंत्रक । Admin का कहना है कि -

विवेक जी,

हम इस संदर्भ में ईमेलाचार करके बात करेंगे। आपका कदम स्वागत योग्य है।

हिन्द-युग्म को इस तरह का आशीर्वाद देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

आलोक साहिल का कहना है कि -

नमस्कार विवेक जी और नियंत्रक महोदय,यह बेहद खुशी की बात है और मैं इस बात से बेहद उत्साहित हूँ.
, खैर,मैं हिन्दयुग्म का बिल्कुल नया पाठक हूँ और संयोग की मैंने इस बार अपनी तुच्छ सी कविता भी भेजी थी जिसे आपका प्यार मिला तो मेरे जैसे नए लोगों के लिहाज से भी यह एक अच्छी बात है.
आशा करता हूँ ये सिलसिला बना रहेगा.
अलोक सिंह "साहिल"

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